Friday, April 6, 2012

नज़र जब तुम से मिलती है, तो मैं खुद को भूल जाता हूँ,

बस एक धड़कन धडकती है,तो मैं खुद को भूल जाता हूँ ,

तुम्हें मिलने से पहले,मैं बहुत सजता संवारता हूँ

मगर जब तुम संवारती हों, तो मैं खुद को भूल जाता हूँ ,

मैं अक्सर किताबों पे तेरा ही नाम लिखता हूँ ,

मगर कुछ तुम जो लिखती हों, तो मैं खुद को भूल जाता हूँ ,

मैं अक्सर यही कहता हूँ , मैं तुम से प्यार करता हूँ ,

मगर जब तुम यह कहती हों,तो मैं दुनिया भूल जाता हूँ, 
narpatanu@gmail.com via googlegroups.com

No comments: