Thursday, December 8, 2011

: वफ़ा करके भी मैने बहुत कुछ खोया है
मेरे हिस्से में फिर भी दर्द आया है
ये ओर बात है
वो कहतीं है बेपनाह इश्क़ है तुमसे
ओर वो जानतीं ही नही ये इश्क़ क्या है
ये ओर बात है
में कितना भी टूटा हू हर बार संभला हू
बस इस बार संभल नही पाया
ये ओर बात है
वो कहतीं हैं की तुम बस मेरे नही हुए
में उसके लिए अपना भी ना बन पाया
ये ओर बात है
जी भर के रोया था उसके दामन में छीप के
इस बार एक आँसू ना आया
ये ओर बात है
मैने लोगो को खुदा से मौत माँगते देखा है
में ज़िंदगी को समझ नही पाया
ये ओर बात है
जिसकी तस्वीर देख के ही खुदा से मुलाकात हो जाती थी
वो खुदा भी पत्थर में सिमट आया
ये ओर बात है
जिसके नाम से दिल धड़कता था सीने में
आज उसी नाम से दिल भर आया
ये ओर बात है..................
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Regards,
☺☺☺Akash☺☺☺
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